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जनजातियों की आवाज को जब अनुशना करता है शासन-प्रशासन तो सुनता है जनजाति आयोग

जनजातियों की आवाज को जब अनुशना करता है शासन-प्रशासन तो सुनता है जनजाति आयोग

तामिया में जनजातीय परिवेश समन्वय केंद्र का हुआ शुभारंभ 

आजादी के 70 साल भी जनजातियों पर हो रहा अत्याचार

जागरूक होने की आवश्यकता हम कब तक सरकार को कोसते रहेंगे 

छिंदवाड़ा/तामिया। गोंंडवाना समय। 
जब जनजाति वर्गों की समस्याओं की आवाज या शिकायतों को शासन-प्रशासन नहीं सुनता है तब जनजाति आयोग उनकी आवाज का मजबूत आधार बनकर उनकी समस्याओं का निराकरण करवाकर उन्हें न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इसके साथ ही जनजाति वर्गों की जब लिखित शिकायत भी संज्ञान मे आती तो त्वरित कायार्वाही कर पीड़ित पक्ष को राहत दिलाने का काम करता है। इतना ही नहीं यदि समाचार पत्रों के माध्यम से भी जनजाति वर्गों की समस्याओं की जानकारी मिलती है तो उन मामलों पर भी जनजाति आयोग संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही करवाने का काम करता है उक्त बाते राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुइया उईके ने तामिया में जनजातिय परिवेश समन्वय केंद्र के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित क्षेत्र के जनजाति समुदाय को संबोधित करते हुये कहा कि आजादी के 70 साल बाद आज भी जनजाति समाज के साथ अत्याचार हो रहा है । हमे जागरूक होने की आवश्यकता है हम कब तक सरकार को कोसते रहेंगे । हमे अपने अधिकार के लिये जागरुक होना है यह हम सब की सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है । इसके साथ ही जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुईया उईके विशेष प्रयासों से ही  भारतीय प्रौधोगिकी संस्थान इंदौर द्वारा शोध अध्ययन आधारित गेल इंडिया लिमिटेड सीएसआर द्वारा प्रायोजित जनजातीय परिवेश समन्वय केंद्र का शुभारंभ हुआ है । इस दौरान जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति कांता ठाकुर, जनपद पंचायत तामिया अध्यक्ष उजर सिह भारती, श्रीमति पूर्णिमा वर्मा, आईआईटी इंदौर के एशोसियेट प्रोफेसर डॉ नीरज मिश्रा, गैल इंडिया लिमिटेड की सीएसआर मैनेजर गुंजन मिश्रा,जनजाति आयोग क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल की दीपिका खन्ना भी मौजूद रही।
कार्यक्रम के दौरान जनजाति आयोग उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि आज भी वर्षों से मेहनत करने के बाद भी ग्रामीण अंचलों में मजदूरी समय पर नही मिलती है मजबूरी में ग्रामीण जनपद सहित अन्य कार्यालयो के चक्कर काटना पड़ता है । भारत के संविधान की 5 वी अनुसूची के अनुसार जनजातिय क्षेत्रो में योजनाओं का लाभ दिलाने से लेकर कई व्यवस्था जमीनी स्तर पर नही पहुंच पाती है । छात्रावासो मे सरकारी सुविधा के बाद स्थिति खराब है जिसमें तामिया और हर्रई ब्लॉक ब्लाक में सबसे ज्यादा स्थिति खराब है । आईआईटी इंदौर द्वारा तामिया क्षेत्र की तीन पंचायत मे समन्वय केंद्र के माध्यम से संवैधानिक अधिकार के साथ वनाधिकार, पेसा एक्ट, एट्रोसिटी एक्ट से लेकर अन्य समस्त जानकारी देकर जनजातिय समाज को मजबूत बनाया जायेगा । वही इस पूरे कार्यक्रम की संपूर्ण जानकारी भी जनजाति आयोग तक पहुंचेगी । आगे जनजाति आयोग उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुइया उइके ने बताया कि वर्ष 1954 -57 मे राउरअकेला उड़ीसा मे आदीवासीयो की जमीन पर स्टील प्लांट बनाया गया लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पाया था जिसका लाभ जनजाति आयोग ने उन सभी परिवारो को लाभ दिलाया है । इसी  तरह यूपी के जौनपुर जिले के लालगंज मे गोंड आदीवासीयो की तीन साल की हड़ताल खत्म कराकर जाति प्रमानपत्र  उपलब्द्ध कराया गया है । उन्होने गैल इंडिया के प्रति आभार जताते हुये इस अहम कार्य को तामिया मे कराये जाने के लिये सराहना भी किया ।

विधायक ने कहा 39 परिवारों को दिलाई थी राहत

जिला पंचायत अध्यक्ष कांता ठाकुर ने कहा कि जागरुकता होने के बाद भी कई छोटे छोटे काम ग्रामीणो के रुक जाते है उन्होने आजीविका मिशन, सिलाई प्रशिक्षण, कुपोषण मुक्ति की राशि सहित अन्य समस्या बताई । क्षेत्रीय विधायक सुनील उइके ने कहा कि 39 आदिवासी परिवारो की जमीन मस्को स्टील कंपनी से मुक्त कराकर उन्होने दमुआ के परिवारो को राहत दिलाई थी । वही दलगत राजनीति से अलग समाजहित मे सतत कार्य करने की बात कही उन्होने  बताया कि जनजातीय  समंवय केंद्र  मे समस्त सरपंच, जनपद सदस्य को भी शामिल कर जागरुकता लाने के लिये प्रशिक्षित करने से समाज के अंतिम व्यक्ति तक की आवाज बुलंद करने से इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पूरा होगा । इस कार्यक्रम मे आईआईटी इंदौर के एसोशियेट प्रोफेसर डॉ नीरज मिश्रा ने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से समस्त जनजातीय वर्ग को प्रशिक्षित किया जायेगा । उन्होने एक मंच पर समस्त जनप्रतिनिधियो को समाजहित मे एक साथ कार्य करने के संकल्प की सराहना करते हुये इसे विकास के लिये अहम बताया । आईआईटी के विनोद कुमार ने आभार जताया इस मौके पर सरपंच अनिल भारती, उपसरपंच बल्लू सोनी, सीईओ शैलेंद्र यादव, नायाब तहसीलदार रत्नेश ठवरे, भागचंद साहू, सतीश मिश्रा, राजेश राय, विनोद अग्रवाल, चंद्रशेखर श्रीवास, मुकेश सोनी, श्रीमति तारा धुर्वे सहित अन्य क्षेत्रिय जन मौजूद रहे।

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