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मेटर्न और बाबू के बीच विवाद,थाने में भी नोटंकी फिर मामला शांत

मेटर्न और बाबू के बीच विवाद,थाने में भी नोटंकी फिर मामला शांत

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जिला अस्पताल की सीनियर मेटर्न कुसुम चौहान और लिपिक मोहनलाल सेन के बीच शनिवार की दोपहर सर्विस बुक को लेकर विवाद हो गया। विवाद इस कदर हो गया कि सीनियर मेटर्न कुसुम चौहान कोतवाली थाने पहुंच गई और मेटर्न के समर्थन में आधा सैकड़ा से ज्यादा नर्से भी थाने पहुंचकर मोहनलाल सेन के खिलाफ एफआईआर का दबाव बनाया। जानकारी के मुताबिक थाने के एक एसआई और प्रधान आरक्षक द्वारा  कागज में उनके बयान भी दर्ज कर लिए थे और फिर बाद में कोतवाली थानेदार अरविंद जैन द्वारा कम्प्यूटर में एफआईआर दर्ज की जा रही थी लेकिन बाद में सीनियर मेटर्न कुसुम चौहान ने एफआईआर दर्ज कराने से मना कर दिया और मामला शांत हो गया।

मरीजों का उपचार छोड़कर थाने में

अस्पताल प्रबंधन को कामकाज और मरीजों का उपचार छोड़कर थाने पहुंचने वाली नर्सो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लोगों का कहना है कि पीड़ित व्यक्ति को ही थाने जाना चाहिए। अगर पुलिस आवश्यकता पड़ने पर बुलाती है तो ठीक है लेकिन जबरदस्ती कामकाज और मरीजों को छोड़कर बड़ी संख्या में थाने पहुंचना ठीक नहीं कहा और माना जा सकता है।  ऐसे में यदि उपचार के अभाव में किसी मरीज की मौत हो जाए तो फिर कौन जिम्मेदार  होगा यह सवाल खड़ा हो जाएगा।

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