दुगूर्कोंदल में हुआ भूमकाल दिवस का आयोजन
बड़गांव/कांकेर। गोेंडवाना समय।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गुंडाधूर की पावन स्मृति में एसटी,एससी व ओबीसी समाज के बैनर तले स्थानीय बाजार मंडी में जिला स्तरीय भूमकाल दिवस मनाया। जिसमें कोयलीबेड़ा, मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर सहित अन्य क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान समाज प्रमुख श्रीराम बघेल, अशोक जैन,आनंद माहवे, पंडित राम नरेटी,हरेश चक्रधारी, ठाकुर राम नेताम,सतीश मंडावी, कृष्णा टेकाम,सहदेव उसेण्डी,पीलूराम उसेण्डी, छेरकू राम तुलावी, सियाराम पुड़ो,दुर्गाप्रसाद ठाकुर, दक्षिण कोशल संपादक उत्तम कुमार, रामचंद कल्लो,सूरजू टेकाम, देवलाल नरेटी,आयनू राम ध्रुव,दलपतसिंह देहारी, शकुंतला नरेटी, कमल कोर्राम आदि की उपस्थिति में वीर गुंडाधूर के छायाचित्र पर माल्यार्पण व पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर आयोजित सभा को उपस्थित सभी समाज प्रमुखों ने संबोधित किया। समाज प्रमुख श्रीराम बघेल, अशोक जैन,आनंद माहवे,सूरजू राम टेकाम,सतीश मंडावी आदि ने कहा कि वर्ष 1909-1910 में बस्तर क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गुंडाधूर के नेतृत्व में भूमकाल आंदोलन के जरिए जनता को जागृत कर तथा अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने का बीड़ा उठाकर लड़ाई लड़ी गई । इस दौरान कई क्रांतिकारियों ने अपनी कुर्बानियाँ दे दीं। उन्होंने किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं वरन पूरे बस्तरवासियों के अस्मिता की रक्षा का प्रण लेकर भूमकाल आंदोलन की शुरूआत की। लगभग 45 दिनों तक बस्तर में चले इस आंदोलन से अंग्रेजों के पैर उखड़ चुके थे लेकिन बैजनाथ पंडा और सोनू माँझी जैसे लोगों ने विश्वासघात कर आंदोलन को असफल कर दिया। उनके द्वारा उठाए गए इस कदम से बस्तर की जनता में जागृति आई। जो कि बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणास्पद है।
सभा के अंत में गुंडाधूर के अहम सहयोगी क्रांतिकारी चिन्तू हल्बा के नाती दलपतसिंह देहारी को समाज प्रमुखों ने अंगवस्त्र भेंट कर सम्मान किया।
स्वागत भाषण आयनू राम ध्रुव तथा आभार प्रदर्शन शकुंतला नरेटी ने किया। इस अवसर पर ललित नरेटी, जगतराम दुग्गा, रमेश दुग्गा, रवींद्र गौर,बैजनाथ नरेटी,राकेश नेताम,बिसन आँचला, मैनू किरगे,विजय पटेल,छबिलाल नरेटी, सुलोचना पद्दा,सियाराम उसेण्डी,सहित भारी संख्या में एसटी,एससी व ओबीसी समुदाय के लोग सम्मिलित थे। मंच संचालन मुकेश बघेल ने किया।