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जनजातियों के विकास हेतु केंद्र सरकार ने अंबे्रला प्रोग्राम को मार्च 2020 तक दी मंजूरी

जनजातियों के विकास हेतु केंद्र सरकार ने अंबे्रला प्रोग्राम को मार्च 2020 तक दी मंजूरी

11,900 करोड़ रूपये के परिव्यय से 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 की मंजूरी

केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा दी गई मंजूरी से उप-योजनाओं से अनुसूचित जनजातियों के कल्याण की योजनाओं तथा इस क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों को सहायता प्राप्त होगी। विशिष्ट हस्तक्षेप पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस योजना से अनुसूचित जनजाति की 10 करोड़ से अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा।
नई दिल्ली। गोंडवाना समय। 
केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जनजाति के विकास से संबंधित वृहत कार्यक्रम (अम्ब्रेला प्रोग्राम) के उप-योजनाओं को मार्च 2020 तक जारी रखने की मंजूरी दी है । इससे देश में निवासरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के 10 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने अनुसूचित जनजाति के विकास से संबंधित वृहत कार्यक्रम (अम्ब्रेला प्रोग्राम) की उप-योजनाओं को 11,900 करोड़ रुपये के परिव्यय से 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2020 तक जारी रखने की मंजूरी दी।अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए वर्तमान में लागू योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाते हुए एक वृहत योजना के अंतर्गत लाया गया है। अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों की विकास संबंधी सेवाओं के लिए इन उप-योजनाओं को जारी रखने की आवश्यकता थी। इन योजनाओं का लक्ष्य के तहत यह होगा कि अन्य आबादी समूहों की तुलना में अनुसूचित जनजाति के बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों के अंतर को कम करना होगा । अनुसूचित जनजाति के बच्चों की शिक्षा के लिए वर्तमान प्रयासों की कमियों को दूर करना होगा ।  इसके साथ ही जनजाति विकास के क्षेत्र में शोध अध्ययन के लिये व्यय किया जायेगा । वहीं स्वयंसेवी संगठनों (वीओ) के सहयोग से आजीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सरकारी कल्याण योजनाओं की पहुंच को बेहतर बनाना और योजनाओं के सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जायेगा । कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए संपूर्ण ब्यौरे के साथ योजना बनाना। इसके लिए निवास-स्थल दृष्टिकोण अपनाना भी शामिल होगा । संग्राहकों को संग्रह करने, प्राथमिक प्रसंस्करण करने, भंडारण करने, पैकेजिंग करने, परिवहन संबंधी प्रयासों के लिए लघु वन उत्पाद (एमएफपी) आधारित बेहतर आय प्रणाली तैयार करना।जनजातीय क्षेत्रों में प्राथमिक सुविधाओं जैसे आवास, सड़क, पेयजल, स्वच्छता, कनेक्टिविटी आदि की व्यवस्था कर जीवन स्तर को बेहतर बनाना।

मंजूर की गई योजनाओं के तहत इन क्षेत्रों में मिलेगा लाभ 

केंद्र सरकार के द्वारा मंत्री मण्डल ने अनुसूचित जनजाति के विकास से संबंधित वृहत कार्यक्रम में उपयोजना को मार्च 2020 तक जारी रखने की मंजूरी दी है । उसमें जनजातियों के लिये चलाई जा रही इन योजनाओं में लाभ मिलेगा जिसमें पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति, मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति, आश्रम विद्यालय, लड़के और लड़कियों के छात्रावास, व्यावसायिक शिक्षा, निगरानी और मूल्यांकन, जनजातीय त्यौहार, जनजातीय शोध, सूचना और व्यापक शिक्षा, अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे स्वयंसेवी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, विशेषकर कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) का विकास, लघु वन उत्पाद (एमएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, जनजातीय उप-योजनाओं (टीएसएस) के लिए राज्यों को विशेष केन्द्रीय सहायता (एससीए) में आर्थिक रूप से बजट प्रदान किया जायेगा ।

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