मनोरंजन टैक्स को लेकर मोदी सरकार पर गुस्सा
चुनाव में भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
सिवनी। गोंडवाना समय।
भाजपा की मोदी सरकार ने केवल नेटवर्क और मनोरंजन पर जिस तरीके से 18 प्रतिशत टैक्स लगाया है उससे केवल आॅपरेटर्स सहित लोगों में भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा पनप रहा है और निश्चिततौर पर चुनाव में इसका बुरा असर पड़ सकता है। सबसे ज्यादा नाराजगी महिलाओं व युवाओं पर देखी जा रही है।
हर चैनलों के पैकेज की अलग-अलग राशि-
पहले उपभोक्ताओं को 100 से 150 रुपए के दाम पर महीने भर सभी चैनल लोगों को देखने के लिए मिल जाते थे लेकिन अब केन्द्र सरकार द्वारा 18 प्रतिशत मनोरंजन टैक्स लगाए जाने से अब केवल आॅपरेटर्स को भी मंहगा पड़ेगा और उपभोक्ताओं को भी मंहगा पड़ेगा। टीवी व चैनलों में लुभावने विज्ञापन दिए जा रहे हैं कोई 31 रुपए प्रतिमाह तो कोई 45 रुपए प्रतिमाह का लालच दे रहा है लेकिन यदि उपभोक्ता सारे पैकेज एक साथ मिलाए तो तकरीबन साढ़े तीन सौ रुपए से ज्यादा प्रतिमाह उपभोक्ताओं को देना पड़ेगा।
उपभोक्ताओं को मजबूरी की लेना पड़ेगा पूरे पैकेज
हम बता दें कि अलग-अलग पैकेज बनाकर पंसीदा उपभोक्ताओं को चैनल देखने की बात कही जा रही है लेकिन ऐसा संभव मुश्किल है क्योंकि हर में महिलाओं को स्टार प्लस पसंद है तो किसी को जी सिनेमा पंसद है। बच्चों को काटूर्न पसंद है ऐसे में एक साथ तो पूरे परिवार के लोगों को एक ही पैकेज में चैनल नहीं मिल पाएंगे। ऐसे में लोगों की मजबूरी बना दी गई है लोगों को पूरे पैकेज लेकर अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। ऐसे में लोगों की जेब ढीली हो रही है जिससे लोगों में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है।
26 जनवरी को मोदी के प्रसारण पर डाल सकते हैं अड़गा-
मनोरंजन कर पर बढ़ाए गए 18 प्रतिशत टैक्स को लेकर जिले ही नहीं पूरे प्रदेश में केवल आॅपरेटर्स में आक्रोश है। सूत्र बताते हैं कि विरोध स्वरूप केवल आॅपरेटर्स 26 जनवरी को नरेन्द्र मोदी के झंडावंदन और देश के नाम भाषण दिखाने पर अड़ंगा डाल सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि पूरी तैयारी हो चुकी है।