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आदिवासी स्कूली छात्रा की दर्दनाक मौत के मामले में संवेदनशील कमलनाथ के पास नहीं दो शब्द

आदिवासी स्कूली छात्रा की दर्दनाक मौत के मामले में संवेदनशील कमलनाथ के पास नहीं दो शब्द

आर्थिक सहायता तो अलग विषय है मुख्यमंत्री जी

छिंदवाड़ा से 70 किलोमीटर दूर हुये स्कूली हादसे में सहायता राशि तो छोड़ों संज्ञान के दो शब्द भी नहीं पाये कमलनाथ

विवेक डेहरिया संपादक
कड़वी सच्चाई

माना कि सिवनी जिले के भाजपाई नेताओं ने जिले की जनता के साथ मिलकर विरोध खूब स्वर फोड़े है और हमेशा गाल बजाते रहे है । मुख्यमंत्री जी कमलनाथ आपके विरोध में भाजपाई नेताओं ने पुतला दहन, छिंदवाड़ा आरटीओ पासिंग का विरोध करने में कोई गुरेज या संकोच नहीं किया है । यहां तक कि विरोध करने भाजपा के साथ सिवनी के कुछ कांग्रेसी नेताओं ने खूब साथ दिया चंूकि मामला फोरलेन से जुड़ा हुआ था । मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आपको छिंदवाड़ा को विकास की दिशा में देश में नई पहचान दिलाना है इसलिये आपने इंदिरा गांधी के तीसरे पुत्र के रूप में छिंदवाड़ा की सरजमी पर कदम रखते ही विकास के नये आयाम गढ़ने में भरसक प्रयत्न किया है । ये और बात है कि सिवनी जिले के विकलांग राजनेता आपसे प्रतिस्पर्धा में हमेशा पीछे ही रहे। इसमें भाजपा के मुख्यमंत्री के से लेकर केंद्र के भाजपाईयों ने भी आपको कंधा से कंधा मिलाकर साथ दिया है । भले पीएम नरेन्द्र मोदी ने आपके जिले में आकर लोकसभा चुनाव में आकर भाषण में ही आपको चुनौती तक न दिया हो परंतु हमें याद है बालाघाट से उन्होंने आपको दहाड़ कर कहा था अब छिंदवाड़ा के नवाब की नहीं चलेगी लेकिन आपने सांसद का चुनाव मोदी लहर में जीतकर संसद सभा का प्रोटेम स्पीकर बनकर जता दिया था कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ का कोई विकल्प नहीं है । इसका सबूत मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आपने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी बता दिया है जो आपको मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांतिलाल भूरिया को हराने के लिये विशेष रणनीति तैयार कर रहे थे वे अमित शाह भी छिंदवाड़ा में कार्यक्रम करने के बाद भी एक भी सीट विधानसभा की जिता नहीं पाये और सीधे कमलनाथ जी आप मध्य प्रदेश राजा यानि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गये ये तो हुई राजनीतिक मुद्दों की बात लेकिन हम यदि मानवीयता के बात करें एक मुख्यमंत्री होने के नाते तो गोंडवाना समय समाचार पत्र आपका ध्यान आकृष्ट इसलिये कराना चाहता है क्योंकि यह एक दर्दनाक हादसा वो मासूम बच्चों के साथ होने का है जो कि एक दु:खद घटना है वह शासकीय स्कूल में घटने वाली जो भी सुन-पढ़-देख रहा है वह अपनी संवेदनशीलता के शब्द जरूर बया कर रहा है ।
कमलनाथ जी आपको मुख्यमंत्री बनने के बाद यदि हम जनसंपर्क कार्यालय भोपाल के समाचारों पर गौर करें तो आपने दिवंगत होने वाले नेताओं, समाजिक पदाधिकारियों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के परिवारजनों के लिये दु:ख प्रकट करने शब्द व्यक्त करने के साथ स्वयं जाकर संवेदना का एहसास कराया है। हम आपको याद दिला दें कि जब आप अपने गृह जिले छिंदवाड़ा में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस का झण्डा फहरा रहे थे, स्कूली बच्चों को अपने हाथों से मध्यान भोजन खिला रहे थे, छिंदवाड़ा नगर को स्मार्ट सिटि बनाने के लिये सौगात दे रहे थे, संविधान निर्माता बाबा साहब अंंबेडकर जी की महत्वता बता रहे थे तो इंदिरा गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण सहित छिंदवाड़ा को अनेको विकास की सौगाते दे रहे थे । उसी दिन 26 जनवरी को सिवनी जिला मुख्यालय से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जुरतरा सरकारी स्कूल में मध्यान भोजन करते वक्त स्कूली बच्चों को दुर्भाग्यवश स्कूली शिक्षक की कार की ठोकर व गर्म सब्जी के वर्तन में ठोकर लग जाने से मासूम बच्चों के शरीर की चमड़ी तक उकल कर दिखाई देने लगी थी जो कि एक हृदय विदारक दर्दनाक घटना थी । घटना का मूल कारण पर शासन प्रशासन अभी भी पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है क्योंकि नवागत कलेक्टर साहब को ये नहीं मालूम है कि स्कूल में यदि खेल मैदान तकनीकि स्वीकृति के आधार पर बन जाता तो शायद यह घटना होने से रूक भी सकती है या कम हो सकती थी फिर भी शासन प्रशासन ने घटना के जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है । इसके साथ ही उपचार से लेकर आर्थिक सहायता में भी प्रयास किया है ।

लेकिन जब स्कूली छात्रा शिवानी धुर्वे की मृत्यू की खबर आई तो

जैसे ही जुरतरा स्कूल में दर्दनाक हादसे में जलने से घायल हुये बच्चों में से 10 वर्षीय आदिवासी छात्रा शिवानी धुर्वे की मृत्यू हो जाने की खबर आई तो जिसको भी दु:खद घटना की संबंध में जानकारी मिली तो सभी ने इसे दु:खद मृत्यू की आगोश में समाई आदिवासी बालिका शिवानी धुर्वे के प्रति दो शब्द संवेदना जरूर प्रकट श्रृद्धाजलि दिया लेकिन दु:ख इस बात का है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जो स्वयं आदिवासी बाहुल्य जिला छिंदवाड़ा में 35 वर्षों से राज करते आ रहे है उन्होंने छिंदवाड़ा से मात्र 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिवनी जिले में हुये दर्दनाक घटना पर क्या संज्ञान लिया या क्या संवेदना व्यक्त किया यह न तो सोशल मीडिया में दिखाई दिया और न ही मध्य प्रदेश जनसंपर्क के समाचारों में कही समाचार के रूप में दो शब्द भी नजर नहीं आये । हालांकि यह कोई जाति वर्ग को लेकर ध्यानाकर्षण गोंडवाना समय के द्वारा नहीं कराया जा रहा है इसमे और भी बच्चे आहत हुये है और ये दर्दनाक घटना किसी वर्ग जाति की मासूम बेटा-बेटियों के साथ होती तो भी मुख्यमंत्री होने के नाते आपके दो शब्द जरूर आना चाहिये । अब इसके पीछे क्या कारण है यह आपकी पार्टी के संगठन के नेता या शासन प्रशासन के वे अधिकारी जिम्मेदार या जवाबदार जिन्होंने शायद आप तक ये बाते नहीं पहुंचा पाये हो ।  

25 से ज्यादा आदिवासी समाज के संगठनों पर भी प्रश्न चिह्न

स्कूल में दर्दभरी घटना के बाद छात्रा शिवानी धुर्वे की मृत्यू होेने के बाद सिवनी जिले में यदि खंगाला जाये तो 25 से भी ज्यादा आदिवासी समाज के संगठन होंगे और अधिकारी कर्मचारी के संगठन भी है जो मंच, सम्मेलन, कार्यक्रम के लिये हजारों रूपये खर्च कर देते है लेकिन संवेदना के रूप में किसी भी प्रकार से तन, मन, धन से सहयोग करने की जानकारी संभवतय: सोशल मीडिया के शेर भी नहीं डाल पाये है। समाज से चंदा लेकर कार्यक्रम करने वाले समाजिक संगठन कब तक सरकार की ओर सहायता व संवेदना के हाथ फैलाते रहेंगे यदि चाहते तो सरकार से ज्यादा मदद तन,मन,धन से कर सकते थे लेकिन संगठन के जिम्मेदारों ने भी सार्थक प्रयास नहीं किया जो अपने आप में प्रश्न चिह्न है।

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