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मंत्री मरकाम द्वारा देर रात आदिवासी हॉस्टल का आकस्मिक निरीक्षण

मंत्री मरकाम द्वारा देर रात आदिवासी हॉस्टल का आकस्मिक निरीक्षण

भोपाल । गोंडवाना समय। मुंह व नाक दबाकर जब मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने श्यामला हिल्स एवं मोती मस्जिद क्षेत्र में संचालित आदिवासी हॉस्टल का देर रात आकस्मिक निरीक्षण किया तो उन्होंने बारीकि से एक एक कमरे ही नहीं स्नानागार, शौचालय की हालत से कोना-कोना देखा और जनजातिय मंत्री ओमकार मरकाम ने हॉस्टल में छात्रों की समस्याएँ सुनी और फटे हुए कम्बल एवं पुराने बिस्तरों की दुर्दशा पर नाराजगी जाहिर किया । उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। समय रहते यदि उचित कदम नहीं उठाये गये, तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। मंत्री ओमकार मरकाम ने मोती मस्जिद क्षेत्र में स्थित निजी भवन में संचालित हॉस्टल के निरीक्षण में शौचालय के पास लगे आर.ओ. को तुरंत अन्यत्र शिफ्ट करने और बिस्तरों के पास ओपन इलेक्ट्रिक वायरिंग को सुधारने के निर्देश दिये। हॉस्टल अधीक्षक ने दस दिन में व्यवस्था ठीक करने का आश्वासन दिया।

करोड़ों का बजट छात्रावासों में सुविधाओं को मोहताज विद्यार्थी 

आदिवासी बाहुल्य मध्य प्रदेश में करोड़ों का बजट छात्रावासों के लिये प्रदान किया जाता है लेकिन इनको संचालित करने वाले जनजातिय विभागों में ठेकेदार दौलत के भूखे भेड़िये हवाले अधिकांश छात्रावासों में सुविधाओं के लिये आने वाले राशि में बंदरबांट सब मिलजुलकर खाने में दिलचस्पी दिलाते है । हालांकि यहां यह भी सही है कि सारे छात्रावास एक से नहीं है परंतु अधिकांश की हालत बहुत दयनीय है जहां पर जनजातिय विभाग में भ्रष्टाचारी, बैठकर कमीशनखोरी दलाली करने के लिये सरकार की धनराशि में बैखौफ होकर भ्रष्टाचार को अंजाम देते है । इसलिये जो सुविधाओं के लिये सरकार धनराशि देती है वह सुविधायें छात्रावासों में विद्यार्थियों को नहीं मिल पाती है । छात्रावासों के लिये खरीदी कहां से होगी और किससे सामान खरीदना है यह सब भ्रष्टाचारियों और दौलत भूखे भेड़ियों के हवाले रहता है । जनजाति कल्याण विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी कर्मचारी भी कमीशन खोरी में लिप्त रहते है । सामग्री जितनी घटिया से घटिया से आये परंतु उनका कमीशन फिक्स होता है । सरकार वर्षों से छात्रावासों की हालत वहां का स्तर सुधारने का प्रयास कर रही है लेकिन जनजातिय विभाग में कमीशन खोर अधिकारियों के कारण सरकार की मंशा पर पानी फेर दिया जाता है ।

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