नियमों को ताक में रखकर डिजीटल इंडिया के नाम पर हुआ करोड़ों का घोटाला
नियमों को ताक में रखकर और बिना मापदंड के डाली केबल
बी.एस.एन.एल.अधिकारी बन रहे अनजान
प्रधानमंत्री की योजना को लगा रहे पलिता
बीएसएनएल विभाग ठेकेदारों पर नही कर रहा कार्यवाही
मण्डला । गोंडवाना समय। भारत सरकार के द्वारा प्रारंभ की गई नेशनल आॅप्टिकल फायबर योजना में जमकर धांधली जिले का बीएसएनएल विभाग और ठेकेदार मिलकर कर रहे हैं। मण्डला जिले की 486 ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के तहत कनेक्शन लगाये जाने है। प्रथम चरण में 05 विकासखण्ड के 310 ग्राम पंचायतों में काम किया जा चुका है, वहीं दूसरे चरण में 11 विकासखण्ड का चयन कर 555 ग्राम पंचायत में काम किया जाना है। भारत सरकार की इस योजना पर काम दो जिलों में किया जा रहा है। भृष्टाचारी का स्तर इस कदर बढ गया है कि इस योजना पर विभाग के अधिकारी खुलकर जानकारी देने से बच रहे हैं, वहीं संबंधित ठेकेदार मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं और वहीं नोफन योजना के तहत काम कर रहे ठेकेदारों को संबंधित विभाग संरक्षण दे रही है।यह योजना 2011 से प्रारंभ हुई और अभी तक सात वर्ष बीत गये,लेकिन अभी भी काम पूर्ण नहीं हो पाया है। जब विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से काम की जानकारी लेने का प्रयास किया जाता है तो अपनी पहुंच का हवाला देकर बचने का प्रयास किया जा रहा है। अनेक ऐसे नेताओं और अपराधिक गतिविधियों से जुड़े लोगों का नाम लेकर धांधली को छूपाने का काम किया जा रहा है। नेशनल आँप्टिकल फाइबर नेटवर्क का ये है मामला डिजिटल इंडिया योजना को लेकर गौरतलब है कि भारत सरकार के नेशनल आॅप्टिकल फायबर नेटवर्क अंतर्गत ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराई जा रही ब्रांडबैंड कनेक्टिविटी के संबंध में प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में ब्रांडबैंड कनेक्टिविटी उपलबध कराने के लिये भारत सरकार के नेशनल आॅप्टिकल फायबर नेटवर्क प्रोजेक्ट अंतर्गत बीएसएनएल द्वारा ग्राम पंचायत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जानी है। बीएसएनएल विभाग के अंतर्गत काम करने वाले ठेकेदारों द्वारा अभी प्रथम चरण में 05 ब्लॉक की 310 ग्राम पंचायतों में काम किया है। ये ब्लॉक मण्डला और डिण्डौरी जिलों के हैं। विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार मण्डला, नैनपुर और बिछिया में लाईन डाली गई है, वहीं डिण्डौरी जिले के अमरपुर और करंजिया में लाईन डल चुकी है। इसी तरह दूसरे चरण में 11 ब्लॉक का चयन किया गया है। जिसमें डिण्डौरी जिले के 5 और मण्डला के 6 ब्लॉक शामिल हैं। मण्डला जिले के बीजाडांडी, मवई, निवास, घुघरी, नारायणगंज, मोहगांव हैं और डिण्डौरी जिले के मेंहदवानी, समनापुर, शहपुरा, बजाग और डिण्डौरी को शामिल किया गया है जहां 555 ग्राम पंचायतों में कनेक्शन किये जाने हैं।
आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां
अपर मुख्य सचिव द्वारा आदेशित किया गया है कि नेशनल आॅप्टिकल फायबर योजना के तहत होने वाले कामों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। छरू साल से इस योजना पर काम धीमी गति से चल रहा है जिसे पूर्ण कराने में अभी भी विभाग पीछे हैं। जबकि सचिव द्वारा बार-बार पत्र जारी किया जा रहा है फिर भी उनके पत्र को दरकिनार करते हुये योजना में धांधली करने का क्रम जारी है। अभी फिर एक पत्र अमित राठौर सचिव मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास के द्वारा पत्र क्रमांक 454, पं.ग्रा.वि.वि., एमपी एसटी ईपीएस-272ध्18 दिनांक 10.01.219 को जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि उपर्युक्त प्लान लिये जाने के पश्चात मासिक बिल भुगतान 14वें वित्त आयोग अंतर्गत प्राप्त होने वाली प्रशासकीय मद की राशि संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना सुनिश्चित करें।जिले का नोडल अधिकारी भी लापरवाह
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा है कि, ग्राम पंचायत में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मासिक बिल भुगतान की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिये बीबीएनएल और बीएसएनएल के साथ नियमित रूप से समीक्षा बैठक कर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। जिला, जनपद, ग्राम पंचायतवार सूची पर उपलबध है जिनको विधिवत चालू किये जाने तथा उसकी प्रभावी मॉनिटरिंग के लिये जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त करना सुनिश्चित कर उनका नाम, मोबाईल नम्बर, ई-मेल आईडी आदि की जानकारी वेबसाईट पर भेजे। इसके बाद भी जिले का नोडल अधिकारी गैर जिम्मेदार और लापरवाह बना हुआ है। अनेक ग्राम पंचायतों में कनेक्शन तो किये जा चुके हैं, लेकिन सिस्टम अभी चालू होना बाकी है।
कनेक्टिविटी सुचारू रूप से नहीं कर रही काम
जिले की अनेक ग्राम पंचायतों में राष्ट्रीय प्रकाशित फायबर नेटवर्क के तहत ग्राम पंचायतों में कनेक्शन कर दिये गये परन्तु संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा उपर्युक्त प्लान लिये जाने के अभाव में कनेक्टिविटी सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रही है। ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिये बीएसएनएल द्वारा प्रस्तावित निम्र प्लान में से कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही करें। अति आश्यक होने एवं उपयोगिता होने पर उक्त प्लान से पूर्ति न होने की स्थिति में फायबर कॉम्बो यूएलडी 777 जिसमें मासिक व्यय रुपए 777 डाऊन लोड स्पीड 500 जीबी तक 50 एमबीपीएस एवं उसके बाद 2 एमबीपीएस होगी, जो लिया जा सकता है। फिलहाल ग्राम पंचायतें प्राईवेट कम्पनियों की सिम लेकर डोंगल में उपयोग कर रहे हैं। बीएसएनएल के द्वारा दिये गये कनेक्शन का उपयोग नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण राजस्व की हानि विभाग को हो रही है, वहीं प्राईवेट कम्पनियों को लाभ मिल रहा है।2011 में हुई थी योजना की शुरूआत
राष्ट्रीय प्रकाशिक फाइबर नेटवर्क नेशनल आॅप्टिकल फाईबर नेटवर्क (नोफन) वर्ष 2011 में शुरू की गयी भारत सरकार की एक परियोजना है जिसका लक्ष्य पंचायतों को ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी प्रदान करना है। पंचायतों को जोडने का काम मण्डला और डिण्डौरी जिले में बीएसएनएल विभाग को सौंपा गया है। पहले ऐसा अनुमान था कि यह काम 2013 तक पूरा हो जायेगा किन्तु यूपी, सरकार ने इसके पूरा होने की तिथि सितम्बर 2015 तक बढ़ा दी। 2015 में नयी सरकार द्वारा इसकी समीक्षा की गयी और 2016 के अन्त तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। दो साल हो गये अभी तक काम पूरा नही हो पाया। जिसके कारण सेवा प्रदाताओं में दूरसंचार सेवा प्रदाताएं आईएसपी, केबल टीवी आॅपरेटरों और सामग्री प्रदाताओं की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सेवाओं के तहत काम नहीं हो पा रहे हैं। विभिन्न श्रेणियों के अनुप्रयोगों जैसे कि ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा और ई-गवर्नेंस आदि के इन आॅपरेटरों द्वारा उपलब्ध कराया जा सकता है।
कब होगी अधिकारी ओर ठेकेदार पर कार्यवाही
अब देखना हैं कि प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना को बीएसएनएल के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर करोडों की योजना को पलिता लगा रहे है मगर प्रशासन मोन बना हुआ है और अब देखना है कि कार्यवाही होती हैइनका कहना हैं
मेरे द्वारा नोफन की शिकयत केंद्रीय मंत्री को की गई थी उसके बाद नोफन कि जाँच चल रही हैंसुजीत कुमार प्रजापति शिकयतकर्ता