Type Here to Get Search Results !

पेंच नेशनल पार्क में दिखे एक साथ कई गिद्ध

पेंच नेशनल पार्क में दिखे एक साथ कई गिद्ध

सिवनी। गोंडवाना समय। 
पर्यावरण प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है, लगभग विलुप्त होने की श्रेणी में पहुंच चुके गिद्धों का एक बड़ा झुंड सिवनी के पेंच नेशनल पार्क के पास  देखा गया है। पर्यावरण विद इसे जिले  के पर्यावरण के लिए शुभ सकेंत मान रहे हैं। इसके पहले गिद्धों की सं या जिले में गणना में ढाई तीन सौ ही गिनी गई थी। ऐसे में एक साथ सौ से अधिक गिद्धों के समूह का एक साथ देखे जाने से पर्यावरण प्रेमी खासे उत्साहित हैं।

विलुप्ति की कगार में गिद्ध 

 जिले के पेंच नेशनल पार्क क्षेत्र में गिद्ध की दो प्रजाति पाई जाती हैं। धूमा क्षेत्र में इजीप्शियन वल्चर यानी सफेद गिद्ध पाए गए हैं। पंख सफेद होते हैं। भोजन की तलाश में यह व्यापक क्षेत्रों का भ्रमण करता है। घोसला चट्टानों, पेड़ों व पुराने भवनों में बनाता है। पेंच में दो स्थानों पर विलुप्त प्रजाति के गिद्ध मिले हैं। इनमें लॉग बिल्ड वल्चर जिन्हें सामान्यत: देशी गिद्ध कहा जाता है और वाईट बेक्ड वल्चर जिन्हें चमर गिद्ध भी कहा जाता है मिले हैं। देशी और चमर गिद्ध अब जिप्स प्रजाति यानी विलुप्त प्रजाति में आ चुके हैं। इसका कारण यह है कि इनके द्वारा उन मवेशियों को खाया जा रहा है जिन्हें दर्दनाशक डाइक्लो सैनिड दवा लगे होते हैं। इनके प्रदूषित मांस के भक्षण से इस तरह के गिद्धों की तादाद कम हो चुकी हैै। इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाकर गिद्धों के संरक्षण के प्रयास हो रहे हैं।

प्रदेश में लगभग छह हजार गिद्ध 

पर्यावरण विद और वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ इमरान खान ने बताया कि पूरी दुनिया में 23 प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं। इनमें से नौ प्रजातियों के गिद्ध भारत वर्ष में पाए जाते हैं। मध्य प्रदेश में इन नौ प्रजातियों के गिद्धों में से सात प्रजाति के गिद्ध पाए जाते हैं। जिनमें से कुछ प्रजाति बिल्कुल लुप्त होने की कगार पर हैं। मध्य प्रदेश में गिद्ध की जो सात प्रजातियां पाई जाती हैं  उनमें इंडियन वल्चर या लांग बिल्ड वल्चर, भारतीय या देशी गिद्ध इजिप्शन या स्केवेंजर वल्चर, व्हाई बैक्ड वल्चर, किंग वल्चर या रेड हैडेड वल्चर, यूरासियन गिफोन, हिमालयन ग्रिफोन, सनरियस वल्चर शामिल हैं। 2018 में गिद्धों  की गणना में प्रदेश  के 31 जिलों में 6700 की सं या में गिद्धों  की मौजूदगी सामने आई थी। जनवरी से एक बार फिर प्रदेश में गिद्धों की गणना शुरू होने वाली है। इससे पहले पेंच में गिद्धों का पाया जाना अच्छी खबर है।

इनका कहना है

गिद्धों के एक बड़े समूह  के टुरिया क्षेत्र में देखा जाना निस्संदेह अच्छी खबर है। पिछले सात आठ सालों में कभी इतना बड़ा ग्रुप नहीं देखा गया। गिद्ध पर्यावरण की सफाई के इकोतंत्र में अहम भूमिका निभाते  हैं।
इमरान खान वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.